तृतीयपंथियों की मदद कैसे हों ? सरकार के पास कोई सूची नहीं... आजतक सरकार से कोई सहायता नहीं मिली, ना ही कोई सर्वे करने आया : विद्यासागर देडे 1 मई के बाद मा ठाणे जिलाधिकारी महोदय से सर्वे के बारेमें चर्चा की जायेगी : सोनिया धामी कोरोना महामारी के संकट में राज्य सरकार किन्नरों को प्रति 1500 रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध करा सकती है, सरकार ने किन्नरों को राहत देने के लिए सकारात्मक कदम उठाया है, सरकार की तरफ से किन्नरों को आर्थिक सहायता देने के लिए राज्य के समाजकल्याण आयुक्तालयको प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिया गया है, समाजकल्याण आयुक्तालय को राज्य में किन्नरों की संख्या, मदद के लिए सरकारी तिजोरी पर पड़ने वाला आर्थिक भार और मदद करने की प्रणाली के बारे में जानकारी देने को कहा गया है, इसलिए अब समाजकल्याण आयुक्तालय के उपायुक्त रवींद्र पाटील ने समाज कल्याण विभाग के सभी प्रादेशिक उपायुक्त और सहायक आयुक्तों को पत्र लिखकर संबंधित जानकारी मांगी है, इस पत्र के जरिए विभागीय तृतीयपंथीय (किन्नर) अधिकार संरक्षण और कल्याण मंडल व जिलास्तरीय शिकायत निवारण समिति की मदद से जिलेवार किन्नरों की संख्या, मदद के लिए पड़ने वाला आर्थिक भार और मदद के लिए डीबीटी समेत अन्य विकल्पों समेत अन्य जानकारी 26 अप्रैल तक मांगी गई है, इससे पहले राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने सरकार से किन्नरों को मदद करने की मांग की थी,परंतु सरकार को प्रश्न है कि तृतीयपंथियों की मदद कैसे हों? क्योंकि सरकार के पास कोई तृतीयपंथियों की सूची बनी नहीं है,उक्त विषय पर उल्हासनगर अंबरनाथ कल्याण के 250 किन्नरों का प्रतिनिधित्व करने वाले विद्यासागर देडे जी ने बताया कि आजतक सरकार से कोई सहायता नहीं मिली, ना ही कोई सर्वे करने आया,सुप्रिया सुळे जी द्वारा की गई मांग को लेकर उल्हासनगर राकांपा अध्यक्षा श्रीमती सोनिया धामी जी ने बताया कि 1 मई के बाद मा ठाणे जिलाधिकारी महोदय से सर्वे के बारेमें चर्चा की जायेगी।

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