धोकादायक इमारतवासियों के पुनर्वसन, मालिकाना हक की मांग लेकर पुनः लामबन्द हुये समाजसेवी...उल्हासनगर में हरसाल धोकादायक इमारतों की सुचि मनपा घोषित करती है, कुछ इमारतें दुरुस्त होती है, कुछ खाली कराई जाती है कुछ तोड़ दी जाती है तो कुछ इमारतें गिर जाती है जिसमे सैंकड़ो बेघर होते है, दर्जनों घायल होते है कई लोग मारे भी जाते है,हरसाल यह विषय आम जनता की पटल पर आता है, हरसाल समाजसेवी एकत्र होकर शासन प्रशासन से धोकादायक इमारतवासियों के पुनर्वसन, मालिकाना हक की मांग करते है,कल उल्हासनगर कैम्प 1 में हुये मोहिनी पैलेस हादसे में हमने 5 शहरवासी गंवाये, आगे ऐसे हादसे न हो, धोकादायक इमारतवासीयों के लिये ट्रांजिट कैम्प बने, उन्हें पर्याप्त एफएसआई मिले, ज़मीन की मालकियत मिले, रेग्युलराइज़ेशन प्रक्रिया आसान हों, धोकादायक इमारतवासीयों का पुनर्वसन हों इन्ही सभी चर्चाओं को लेकर आज उल्हासनगर के धोकादायक इमारतों के विषय मे कई सालों से शासन प्रशासन को पत्रव्यवहार करके समस्या अवगत कराने वाले कई समाजसेवी जिनमें मोती लुधवानी, संजय लुल्ला, काजल मुलचंदानी, सन्देश मुकणे, युवराज पवार, हेमंत सिंग, हरि चावला, कैलाश मटाई इत्यादियों ने चर्चा में हिस्सा लिया।

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