निर्वासित क्षेत्र या शहर के लिए अलग कानून बनाने की आवश्यकता है : गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड उल्हासनगर की धोकादायक इमारतों के विषय मे विस्तृत चर्चा करने हेतु महाराष्ट्र राज्य के गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड जी और पूर्व सांसद आनंद परांजपे 2 जुलाई 2021 को दोपहर उल्हासनगर कैम्प 3 मे धोकादायक इमारतवासियों की समस्या सुनने आये,बैठक के आयोजक उल्हासनगर ट्रेड असोसिएशन और धोकादायक इमारतों के रहिवासियो द्वारा पुनर्वसन, पुनर्निर्माण, एफएसआई 4, ज़मीन मालिकाना हक, रेग्युलराइज़ेशन में 2006 का रेडी रेकनर रेट लगे, भिवंडी आमंत्रा में 500 मकान मिले है परंतु दूर है, ट्रांज़िट कैम्प उल्हासनगर में बनाये जाए, निवेदन किया गया,उक्त अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि, निर्वासितों के क्षेत्र या शहरों के लिये अलग क़ानून बनाने की सोच रखने की आवश्यकता है।उमनपा आयुक्त द्वारा शहरवासियों और लोकप्रतिनिधियों को भी मिलने का समय न देकर, समस्या सुनी नही जाने की शिकायत की गई, और मनमाने ढंग से 1300 इमारतों को स्ट्रक्चरल ऑडिट का नोटिस निकालने की तथा इमारतें ढहाने की कोशिशों का विरोध इमारतवासीयों द्वारा दर्ज कराये जानेपर मंत्री महोदय ने कहा कि उमनपा आयुक्त को कानून के दायरे में रहकर एमआरटीपी एक्ट के तहत इमारतो की डिमोलिशन कारवाई करनी होगी,15 दिनमें पालकमंत्री, जिलाधिकारी व आयुक्त से दोबारा बैठक करके समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया।इमारतों के पुनर्वसन, पुनर्निर्माण के लिये 100 करोड़ रुपये निधी उपलब्ध करवाने की बात कही गयी सरकार का प्रतिनिधित्व करने मैं आया हु, आपकी बात नगरविकास मंत्रालय तक पोहोंचाउँगा और जल्द ही कोई ना कोई स्थायी समाधान निकालने की कोशिश होगी, ऐसा आश्वासन जितेंद्र आव्हाड द्वारा दिया गया।

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